चरवाही करने का विविध स्वभाव - लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़ %
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चरवाही करने का विविध स्वभाव

कलीसिया की चरवाही करने का एकल केन्द्र है परमेश्वर के वचन के द्वारा परमेश्वर के लोगों का पोषण करना। फिर भी यह कार्य उतना सरल नहीं है जितना सुनने में लगता है क्योंकि कलीसिया का स्वभाव विविध है। कलीसियाई अगुवों को यह पहचानना चाहिए कि स्थानीय मण्डली को बनाने वाले लोग लोग—और उनकी आवश्यकताएँ—कितनी भिन्न हैं।

यह बिन्दु मार्टिन बूसर के उत्कृष्ट पास्टरीय कृति कंसर्निंग द ट्रू केर ऑफ सोल्स (प्राणों की वास्तविक देखभाल के विषय में) में केन्द्रीय है। यद्यपि बूसर उसके सही चरवाहे के रूप में कलीसिया के ऊपर ख्रीष्ट के प्रभुत्व के सिद्धान्त को विकसित करते हैं, परन्तु यह शिक्षा उसके दूसरे अध्याय में आती है। प्रथम आध्याय में, बूसर ख्रीष्ट की देह में विभिन्नता को स्थापित करने के लिए बहुत से खण्डों का उल्लेख करते हैं। उन्होंने सिखाया कि कलीसियाओं में पास्टर के अतिरिक्त अन्य चरवाहों की आवश्यकता है जिनको सम्पूर्ण पास्टरीय कार्य सौंपा गया हो। ऐसा करते हुए बूसर एक से अधिक एल्डर की आवश्यकता को स्थापित करते हैं।

बूसर चरवाही के इस कार्य को यहेजकेल 34:16 पर आधारित करते हैं जहाँ प्रभु कहता है, “मैं खोई हुई को ढूंढ़ूंगा,भटकी हुई को वापस लाऊंगा, घायल को पट्टी बाधूंगा, बीमार को सम्भालूंगा, परन्तु मोटी और बलवानो को नष्ट करूंगा”। बूसर ने इस पद का उपयोग पाँच रीतियों से परमेश्वर के विविध झुण्ड की देखभाल का वर्णन करने के लिए करते हैं, जिसका पालन कलीसिया के अगुवों को करना चाहिए।

खोए हुओं की खोज करना। जब तक वह वापस नहीं आता, प्रभु के पास अभी भी चुने हुए भेड़ हैं जिन्हें परमेश्वर के झुण्ड में लाया जाना है। मण्डली की चरवाही करने में सुसमाचार प्रचार के प्रयास सदैव सम्मिलित होता है। वे कलीसियाएँ जो सक्रिय रीति से खोए हुओं को नहीं खोजतीं, वे उस चरवाहे के के प्रति अनादर को प्रदर्शित करती हैं जिसकी वे आराधना करती हैं क्योंकि वह “खोए हुओं को ढूढ़ने और उनका उद्धार करने आया” (लूका 19:10)।

भटके हुओ को लौटा कर ले आना। एक प्रचलित इण्टरनेट चलचित्र एक किसान को एक दलदली गढ्ढे में फँसी हुई एक भेड़ को उपर ठोस भूमि पर उठाते हुए दिखाता है, और तब वह भेड़ दौड़ते हुए फिर से उसी गढ्ढे में गिर जाती है। भेड़ भटकती रहती है और बार-बार उन्हीं समस्याओं में पड़ जाती हैं। प्रभु अपनी भटकती भेड़ों को लौटा कर लाने के लिए सच्चे चरवाहों, जो स्थानीय कलीसियाओं की अगुवाई करते हैं, को भेजने की प्रतिज्ञा करता है।

घायल लोगों की सुधि लेना। स्थानीय कलीसियाओं में लोग व्यथित प्राणों के साथ आते हैं। वे अकेले हैं। उन्होनें कष्ट उठाया है। उनका पाप उनको और दुसरों को चोटिल करता है। जैसे कि यहेजकेल वर्णन करता है, उन्होनें दूसरे आत्मिक आधिकारियों द्वारा दुर्व्यवहार का अनभव किया है। ख्रीष्ट के सच्चे चरवाहे कोमलता से प्राणों की देखभाल करेंगे, और उनको गिलियाद का मरहम लगाएँगे।

निर्बलों को बलवन्त करना। बूसर हमें स्मरण दिलाते हैं कि विश्वासी निर्बल विवेक, निर्बल स्वभाव और निर्बल ख्रीष्टिय जीवन के साथ आते हैं। तो इसके लिए स्थानीय कलीसिया के चरवाहों को उन्हें दृढ़ करना चाहिए। उन्हें परमेश्वर के लोगों के विभिन्न विश्वास, व्यक्तित्व और आवश्यकता पर औषधि के समान परमेश्वर के वचन को लागू करना करना चाहिए।

स्वस्थ भेड़ो की रक्षा और पालन-पोषण करना। यद्यपि बूसर कुछ अपने मुख्य पद के अन्तिम खण्ड को अपनी रीति से समझाते हैं, कलीसिया में विश्वासयोग्य विश्वासियों को भी चौकस रहने की आवश्यकता है जिससे कि वे भटक न जाए। कलीसिया के अगुवों को इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए उन्हें निरन्तर उत्साहित करते रहना चाहिए। स्वस्थ भेड़ों को बढ़ने के लिए निरन्तर अच्छे आहार की आवश्यकता होती है।

यह लेख मूलतः लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़ ब्लॉग में प्रकाशित किया गया।

बैरी जे. यॉर्क
बैरी जे. यॉर्क
ड़ा. बैरी जे. यॉर्क रिफोर्मेशन प्रेस्बिटेरियन थियोलॉजिकल सेमिनरी, पिट्सबर्ग में अध्यक्ष और पास्टोरल थियोलॉजी के शिक्षक हैं। वह हिटिंग द मार्क्स पुस्तक के लेखक हैं।