चिन्ता के लिए विष-नाशक - लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़
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चिन्ता के लिए विष-नाशक

सम्पादक की टिप्पणी: यह टेबलटॉक पत्रिका श्रंखला का पहला अध्याय है: चिन्ता

नए नियम में, जिस यूनानी शब्द का अनुवाद “चिन्ता” किया गया है एक रुचिकर शब्द है। इसका अर्थ किसी का अलग किया जाना, विपरीत दिशा में खींचा जाना, या हिस्सों में विभाजित किया जाना है। जब हम कल के लिए चिन्तित होते हैं, तब हम, जो प्रत्यक्ष रूप से हमारे सम्मुख होता है उससे भटक जाते हैं, और हमारा ध्यान आज पर ध्यान केन्द्रित करने से बँट जाता है। निश्चित रूप से यही कारण है जब हम चिन्तित अनुभव करते हैं जब हम तनाव का अनुभव करते हैं, क्योंकि हम टूटा हुआ होने का आभास करते हैं और आज जो परमेश्वर ने हमारे सामने रखा है उस पर पूर्ण ध्यान देने में असमर्थ होते हैं। चार्ल्स स्पर्जन ने कहा है, “चिन्ता कल के अपने दुखों को खाली नहीं करती, परन्तु केवल आज के अपने सामर्थ को खाली कर देती है।”

चिन्ता के पास हमें फँसा हुआ आभास कराता है जब कि वास्तव में हम कल की चिन्ता से स्वतन्त्र कर दिए गए हैं। आत्मा के द्वारा स्वतन्त्र किए जाने से, हम कल के लिए चिन्ता न करने के विषय में यीशु की आज्ञा का पालन करने के लिए सक्षम हैं (मत्ती 6:34)। यद्यपि, अनेकों मसीहियों को यह सिखाया गया है कि यीशु हमें भविष्य के विषय में चिन्तित या परेशान न होने के विषय में सिखा रहा था या यह कि बुद्धिमानी से सावधानी बरतना या भविष्य के लिए तैयार होने का अर्थ है कि हम किसी भी कारण से हम परमेश्वर पर भरोसा नहीं करते। फिर भी पवित्रशास्त्र बुद्धि से भरा है कि कैसे हमें भविष्य के विषय में सोचना और योजना बनानी है। और इसलिए, जब कि हम अपने पिता से अपने प्रतिदिन की रोटी के लिए प्रार्थना करते हैं, जैसे कि इस्राएल को प्रतिदिन ऊपर से मन्ना के लिए निर्भर रहना पड़ता था, हम परमेश्वर पर भरोसा करते हैं जबकि हम भविष्य के लिए अपनी योजना और तैयारी के लिए परिश्रमपूर्वक कार्य कर रहे हैं।   

इसके होते हुए भी, हम अभी भी चिन्ता से संघर्ष करते हैं क्योंकि हम अपने स्वयं की और अपने प्रिय जनों की कुशलता की चिन्ता करते हैं। हम अपने परिवारों, अपने स्वास्थ्य, अपनी कलिसियाओं, अपनी अजीविका, अपने निवेश, और अपने राष्ट्रों के भविष्य के बारे में चिन्तित हो जाते हैं क्योंकि हम उनको बहुमूल्य जानते हैं। हम चिन्तित हो जाते हैं क्योंकि हम बातों को बहुमूल्य जानते हैं, और हम बातों को बहुमूल्य जानते हैं क्योंकि हम प्रेम करते हैं। फिर भी, हमारा प्रेम और बातों को बहुमूल्य जानना हमें चिन्ता की ओर ले जाएगा जब हम स्वयं की ओर फिरेंगे न कि परमेश्वर की।

परमेश्वर ने हमें सभी अन्य प्रेमों से अधिक उससे प्रेम करने की आज्ञा दी है,और वह हमें अपनी सारी चिन्ताएँ को उस पर डालने के लिए बुलाता है क्योंकि उसे हमारी चिन्ता है। वह हमें अपनी कुछ चिन्ताओं को उस पर डालने को नहीं कहता, परन्तु उन सारी को, यहाँ तक कि उनको भी जिन्हें हम सोचते हैं कि हमारे नियन्त्रण में हैं—उन्हें उस पर डाल दें और उन्हें उसके पास छोड़ दें। जब हम चिन्तित हो जाते हैं, ऐसा प्राय: इसलिए होता है क्योंकि हम सोचते हैं कि हम नियन्त्रण में है। इसलिए, जब हम चिन्ता का अनुभव करें, तो यह याद रखें कि जितनी हम कभी अपने लिए चिन्ता कर सकते हैं परमेश्वर हमारी उससे अधिक चिन्ता करता है। आइए प्रार्थना में उसकी ओर दौड़ें,  क्योंकि प्रार्थना में अपने पिता के पास जाना चिन्ता के लिए प्रतिकारक है। जब हम प्रार्थना करते हैं, हम यह स्वीकार करते हैं कि हम परमेश्वर नहीं हैं और यह कि हम नियन्त्रण में नहीं है परन्तु यह कि वह है और यह कि वह सब बातों में हमारी भलाई उत्पन्न करता है। क्योंकि मैंने ऐसा पाया है कि वह जो सबसे अधिक प्रार्थना करते हैं, वे सबसे कम चिन्ता करते हैं।

यह लेख मूलतः टेबलटॉक पत्रिका में प्रकाशित किया गया।
बर्क पार्सन्स
बर्क पार्सन्स
डॉ. बर्क पार्सन्स टेबलटॉक पत्रिका के सम्पादक हैं और सैनफोर्ड फ्ला. में सेंट ऐंड्रूज़ चैपल के वरिष्ठ पास्टर के रूप में सेवा करते हैं। वे अश्योर्ड बाई गॉड : लिविंग इन द फुलनेस ऑफ गॉड्स ग्रेस के सम्पादक हैं। वे ट्विटर पर हैं @BurkParsons.