स्त्री का वंश - लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़
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स्त्री का वंश

सम्पादक की टिप्पणी: यह टेबलटॉक पत्रिका श्रंखला का दूसरा अध्याय है: प्रतिज्ञात मसीहा

उत्पत्ति 3:14-15 में सर्प पर शाप छुटकारे के इतिहास के आने वाले कार्यप्रणाली के लिए मंच को तैयार करता है। इस खण्ड के लिए नये नियम के स्पष्ट संकेत लूका 10:19; रोमियों 16:20; और प्रकाशितवाक्य 12:17 जैसे स्थानों में पाए जाते हैं। फिर भी उत्पत्ति की पुस्तक में इस बिन्दु से, “वंश/बीज के बैर” का विषय बाइबल के वृतान्त की विशेषता है। यह खण्ड अन्ततः यीशु ख्रीष्ट में पूरा होता है, जो वह “स्त्री का वंश” है, जो सर्प के सिर को कुचलता है। उत्पत्ति 3:14-19 में वर्णन तीन शाप-वचन में, इतिहास के कथासार की रूपरेखा को प्रस्तुत किया गया है। 

इस वचनों की गहनता को निम्नानुसार पता लगाया जा सकता है। इसके शिखर पर, एक शाप सीधे रूप से सर्प को दिया गया: “तू शापित है” (पद 14)। आदम के लिए, शाप की गम्भीरता थोड़ा सा कम है: आदम के कारण भूमि शापित होती है, परन्तु वह सीधे रूप से शापित नहीं होता जैसा कि सर्प होता है (पद 17)। अन्त में, हव्वा के लिए, शाप शब्द का प्रयोग भी नहीं किया जाता है।

पद 15 में सर्प का शाप चरम स्थिति पर पहुँचता है: “मैं तेरे और इस स्त्री के बीच में, तथा तेरे वंश [बीज] और इसके वंश [बीज] के बीच में, बैर उत्पन्न करूंगा: वह तेरे सिर को कुचलेगा, और तू उसकी एड़ी को डसेगा।” हव्वा उसी दिन नहीं मरी जिस दिन उसने पेड़ का फल खाया (देखें 2:17)। बह बच्चों को उत्पन्न करने के लिए लम्बे समय तक जीवित रही। प्रसव में पीड़ा कई गुना बढ़ गया था, परन्तु फिर भी प्रसव हुआ (3:16)। आदम ने हव्वा का नाम उचित रूप से रखा: “तब आदम ने अपनी पत्नी का नाम हव्वा रखा, क्योंकि पृथ्वी पर जीवित सब मनुष्यों की आदिमाता वही हुई” (पद 20)। हव्वा के माध्यम से जीवन आएगा।  

इस बिन्दु से, उत्पत्ति “बीज” की दो पंक्तियों को चित्रांकित करती है जो पवित्र युद्ध में आमने सामने हैं। जब हव्वा ने कैन को जन्म दिया, तो परमेश्वर की प्रतिज्ञा पर उसका भरोसा दृढ़ था: “मैंने यहोवा की कृपा से एक बालक पाया है” (4:1)। और फिर यह व्यक्ति, कैन वास्तव में दुष्ट से था (1 यूहन्ना 3:12) और उसने अपने धर्मी भाई हाबिल की हत्या की। कैन सर्प के वंश का प्रमाणित हुआ, जो आरम्भ में प्रभुत्व को प्राप्त करता हुआ प्रतीत हुआ। उत्पत्ति 3 में कैन पर परमेश्वर के न्याय ने शाप की ओर इंगित किया: “और अब तू उस भूमि की ओर से शापित है” (4:11)। कैन अपने जैविक पिता, आदम के समान था, जो भूमि से शापित था, परन्तु वह अपने आत्मिक पिता, शैतान के समान भी था, जिसमें उसने स्वयं शाप प्राप्त किया था: “तू  उस भूमि की ओर से शापित है” (पद 11)।

आगे जो हम देखते हैं उसे हम अलग-अलग वंश के दो “कुलपिताओं” के बीच में भेद कह सकते हैं। कैन सर्प के वंश का प्रधान था, और शेत प्रतिज्ञा के वंश का प्रधान था।

कैन एक दुष्ट साम्राज्य का निर्माण करने के लिए आगे बढ़ा। यद्यपि आदम और हव्वा को अदन के पूर्व की ओर भेजा गया था, परन्तु कैन स्वेच्छा से परमेश्वर की उपस्थिति से निकलकर अदन की पूर्व से थोड़ा और आगे चला गया। उसने एक नगर बसाया और अपने पुत्र हनोक के नाम पर उस नगर का नाम रखा (शाब्दिक रूप से “इसे कहा)। (ध्यान दें कि अगली बार जब हम किसी नगर के निर्माण के विषय में पढ़ते हैं, तो यह पूर्व में एक और शहर है जिसका नाम बाबेल है जो कि सर्प के वंश से था [उत्पत्ति 11])। कैन की वंशावली की सांस्कृतिक उपलब्धियों के बाद भी (4:18-34), हम इसे सातवीं पीढ़ी, लेमेक के जन्म में शिखर पर पहुंचते हुए देखते हैं। परमेश्वर ने उत्पत्ति 4:15 में कैन की हत्या करने वाले किसी भी व्यक्ति से सात गुणा बदला लेने की प्रतिज्ञा की, परन्तु लेमेक ने ऐसा व्यवहार किया मानो वह परमेश्वर से बढ़कर है, और सत्तर गुणा बदला लेने में सक्षम है। क्या कैन के सर्प के वंश ने परमेश्वर की प्रतिज्ञा के प्रति एक वास्तविक चुनौती स्थापित कर दिया था?

उत्पत्ति 4:25 में, हम प्रतिज्ञा के वंश के विषय में पढ़ते हैं। हव्वा ने धर्मी हाबिल के स्थान पर शेत को जन्म दिया। शेत के पुत्र के साथ, लोगों के नामों में निरन्तर रुचि है: “और शेत के भी एक पुत्र हुआ। उसने उसका नाम एनोश रखा। उसी समय से लोग यहोवा का नाम लेकर प्रार्थना करने लगे” (पद 26)। शेत का वंश कैन का हनोक की तुलना में एक उत्तम हनोक के जन्म में समाप्त होती है। यह हनोक शेत से सातवीं पीढ़ी थी, परन्तु वह कैन के सातवीं पीढ़ी, लेमेक के विपरीत थी। जहाँ लेमेक ने परमेश्वर से बड़ा होने का घमण्ड किया, वहीं हनोक परमेश्वर के साथ चला (5:22) और उसने मृत्यु का स्वाद नहीं चखा (पद 24; इब्रानियों 11:5)। इसके पश्चात एक श्रेष्ठ और भिन्न लेमेक आया, शेत का वंश जिसने एक पुत्र अर्थात नूह को जन्म दिया (उत्पत्ति 5:28-29)। नूह के जन्म पर, लेमेक ने कहा, “यह हमारी मेहनत से और हमारे हाथों के परिश्रम से जो यहोवा द्वारा शापित इस भूमि के कारण है, हमें शान्ति देगा।” नूह ख्रीष्ट का प्रारूप था, जो व्यभिचारी लोगों के बीच एक धर्मी व्यक्ति था। उसका वंश बचा लिया गया, परन्तु अधिकांशतः सर्प का वंश नष्ट कर दिया गया।

हालांकि, जल प्रलय सर्प के सिर का पूर्ण रीति से कुचला जाना नहीं था। नूह का पुत्र हाम सर्प के वंश को लेकर आगे बड़ता है। फिर भी वह दिन आएगा जब प्रतिज्ञात वंश— स्वयं ख्रीष्ट — आएगा (गलातियों 3:16)। यह वंश सर्प पर निर्णायक प्रहान करेगा। नई सृष्टि में, विरोध का नेतृत्व करने के लिए कोई हाम नहीं बचेगा। उत्पत्ति 3:14-15 में सम्पूर्ण बाइबल की छुटकारे की कहानी सम्मिलित है, यह प्रतिज्ञा करते हुए कि यद्यपि दो वंशजों के बीच पवित्र युद्ध छेड़ा जाएगा, फिर भी परमेश्वर ख्रीष्ट के कार्य में अन्ततः और पूर्ण रीति से उद्धार उपलब्ध कराएगा। यह जानकर कितनी शान्ति मिलती है कि ख्रीष्ट में, परमेश्वर ने हमसे मेल कर लिया है।

रेव. आर. ऐन्ड्रू कॉम्पटन पुराना नियम अध्ययन प्रणाली के सहायक प्रोफेसर हैं और मिड-अमेरिका रिफॉर्मेड सेमिनरी में मास्टर ऑफ थियोलॉजिकल अध्ययन प्रोग्राम के निर्देशक और डायर, इंडियाना में रिडीमर यूनाइटेड रिफॉर्मेड चर्च के सहायक पास्टर हैं।

यह लेख मूलतः टेबलटॉक पत्रिका में प्रकाशित किया गया।
आर. ऐन्ड्रू कॉम्पटन
आर. ऐन्ड्रू कॉम्पटन
रेव. आर. ऐन्ड्रू कॉम्पटन पुराना नियम अध्ययन प्रणाली के सहायक प्रोफेसर हैं और मिड-अमेरिका रिफॉर्मेड सेमिनरी में मास्टर ऑफ थियोलॉजिकल अध्ययन प्रोग्राम के निर्देशक और डायर, इंडियाना में रिडीमर यूनाइटेड रिफॉर्मेड चर्च के सहायक पास्टर हैं।