23 अप्रैल 2021
मसीही कलीसिया में हम प्रेम के बारे में बहुत बात करते हैं। यह ठीक भी है, क्योंकि प्रेम हमारे सन्देश के केन्द्र में है, सुसमाचार के (यूहन्ना 3:16)। परन्तु दूसरे मसीहियों से प्रेम करने का क्या अर्थ है? क्या यह वास्तव में इतना महत्वपूर्ण है? क्या हम केवल अपने आप मसीही जीवन नहीं जी सकते?