ईश्वरविज्ञान करना

टेबलटॉक का फरवरी 2018 प्रकाशन ध्यान देगा कि ख्रीष्टियों कईश्वरविज्ञान कैसे करना चाहिए। प्रायः ऐसा सोचा जाता है कि ईश्वरविज्ञान का अध्ययन क्षेत्र, या परमेश्वर और उसके कार्यों का अध्ययन, केवल व्यवसायिक विद्वानों और पास्टरों का क्षेत्र है। परन्तु, जब भी हम परमेश्वर के प्रकाशन के विषय में सोना और लागू करना चाहते हैं, है ईश्वरविज्ञान का कार्य कर रहे हैं। क्योंकि प्रत्येक जन के पास परमेश्वर के विषय में कुछ सोच है, सभी वास्तव में ईश्वरविज्ञान हैं। एकमात्र प्रश्न है कि क्या हम अच्छे ईश्वरिज्ञानी होंगे जो अपनी सोच को पवित्रशास्त्र के सिद्धान्त के अनुरूप बनाना चाहेंगे या बुरे ईश्वरविज्ञानी जो ईश्वरविज्ञान के कार्य को अव्यवस्थित रूप से करेंगे बिना परमेश्वर के विशेष प्रकाशन को ध्यान दिए।

यह प्रकाशन विश्वासयोग्य रूति से ईश्वरविज्ञान करने के विभिन्न पहलूओं को ध्यान देने के द्वारा साधारण ख्रीष्टयों को अच्छे ईश्वरविज्ञानी बनने में सहायता करने का प्रयास करेगा
 

 
22 जून 2021

करने वाले, केवल सुनने वाले नहीं

एक स्थानीय कलीसिया के पास्टर के रूप में, उन वर्षों में मैं अनेक लोगों से मिल चुका हूँ जो कलीसिया में जाते हुए बड़े नहीं हुए और उन्होंने कभी भी पवित्रशास्त्र या पवित्रशास्त्र के ईश्वरविज्ञान का अध्ययन नहीं किया।
23 जून 2021

पवित्रशास्त्र का अध्ययन और ईश्वरविज्ञान करना

पवित्रशास्त्र के आधार पर अच्छे ईश्वरविज्ञान का निर्माण करना न केवल सम्भव है—यह हर ख्रीष्टीय की बुलाहट और सौभाग्य है, क्योंकि जिस परमेश्वर को हम जानना चाहेंगे, उसने पहले स्वयं के विषय में हमसे बोला है। सृष्टि के द्वारा स्वयं को प्रकट करने के अतिरिक्त (भजन 19:1-6; रोमियों 1:20), परमेश्वर ने “नबियों के द्वारा . . . बार बार तथा अनेक प्रकार से . . ., इन अन्तिम दिनों में उसने हमसे अपने पुत्र के द्वारा बातें की हैं” (इब्रानियों 1:1-2)। परमेश्वर के द्वारा यह स्वयं-प्रकटीकरण पवित्रशास्त्र में हमारे लिए अभिलिखित हैं।