मेमनों की चरवाही करना - लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़ %
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मेमनों की चरवाही करना

भेड़ों के महान् चरवाहे ने कहा, “बच्चों को मेरे पास आने दो उन्हें मना न करो, क्योंकि स्वर्ग का राज्य ऐसों ही का है” (मत्ती 19:14)। अपने चरवाही के कार्य में कलीसिया के अगुवे परमेश्वर के मेमनों की देख-रेख और पालन-पोषण कैसे कर सकते हैं?

नवयुवकों के मध्य वचन कण्ठस्थ किए जाने को विकसित करें। छोटे बच्चे स्पंज की तरह होते हैं क्योंकि जो कुछ उनके सामने प्रस्तुत किया जाता है उसे वे सोख लेते हैं। परमेश्वर के वचन के शुद्ध जल को वचन कण्ठस्थ कराने के द्वारा उनके मस्तिष्कों में डालना बहुत महत्वपूर्ण कार्य है। यह कैसे किया जा सकता है?

अगुवे वचन कण्ठस्थ करने के कार्यक्रम को विकसित कर सकते हैं जिसका पालन करने के लिए पूरी कलीसिया को उत्साहित किया जा सकता है। कलीसियाई कक्षाओं को इस रीति से बनाया जा सकता है जिससे कि बाइबल कण्ठस्थ करना पाठ्यक्रम का भाग हो। पवित्रशास्थ को कण्ठस्थ करने की आवश्यकता पर पारिवारिक आराधना में दोहराए जाने या भजन गाने के द्वारा बल दिया जा सकता है। नवयुवकों को बाइबल की पुस्तकों को स्मरण करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है और जब वे ऐसा कर लेते हैं, तो उन्हें पुरस्कृत किया जा सकता है।

सरलता से वचनों का व्याख्यान करें। उपदेश-मंच या अवसरों में पास्टरों और प्राचीनों को पवित्रशास्त्र की शिक्षा देने में कठिन परिश्रम करने की आवश्यकता है जिससे कि छोटे बच्चे जो उपस्थित हैं उन्हें समझ सकें।

जब बच्चों को उनकी आयु के अनुसार उचित रीति से बाइबल सिखायी जाती है, तब परमेश्वर का आत्मा बाइबल से प्रेम करने में उन्हें आशीषित करता है। उत्साहपूर्वक उपदेश-मंच से कहानियाँ सुनाने पर कुलबुलाते हुए बच्चे भी अचानक शान्त हो सकते हैं। छोटे बच्चों की आँखें डर के मारे खुली रह जाती हैं जब वे कैन के द्वारा उसके भाई हाबिल की हत्या के विषय में सुनते हैं या जब वे सुनते हैं कि दानिय्येल को शेरों की मांद में डाल दिया गया था। भले ही आप प्रचार कर रहे हों, घर में पारिवारिक आराधना में अगुवाई कर रहे हों, या बाइबल अध्ययन में शिक्षा दे रहे हों, बात को समझाने के लिए कहानी या दृष्टान्त बहुत प्रभावशाली होते हैं। क्या बाइबल को ऐसे ही नहीं लिखा गया है? क्या यीशु ने ऐसे ही प्रचार नहीं किया? और क्या कलीसिया के अगुवों को ऐसा ही मेमनों का पालन-पोषण नहीं करना चाहिए?

उन्हें दृश्यमान सुसमाचार का प्रचार करें। बच्चों को सिखाने का एक अच्छा अवसर तब होता है जब बपतिस्मा और प्रभु-भोज की कलीसियाई विधियाँ मनाई जाती हैं। जैसे फसह के पर्व के समय इस्रालियों को निर्देश दिया गया था कि वे समझाएँ कि क्या हो रहा है “जब तुम्हारी सन्तानें तुमसे पूछें, ‘इस पर्व का क्या अर्थ?’”(निर्गमन 12:26), ठीक उसी प्रकार से अगुवों को कलीसियाई विधियों के माध्यम से आने वाली पीढ़ी को सुसमाचार सिखाना चाहिए। कलीसियाई जीवन के इन विशेष अवसरों में बपतिस्मा के द्वारा आत्मा के शुद्ध किया जाने को और प्रभु-भोज में आत्मिक भोजन को बच्चों के लिए उपयुक्त रीति से समझाना अति आवश्यक है। अगुवे परिवारों को उत्साहित कर सकते हैं कि वे अपने बच्चों के साथ कलीसियाई विधियों पर चर्चा करें।

नवयुवकों के लिए विशेष बाइबल प्रशिक्षण को विकसित करें। प्रायः प्रत्येक सप्ताह के सन्देश के अतिरिक्त कलीसियाएँ बिना कोई अन्य शिक्षा दिए भी सन्तुष्ट होती हैं। परन्तु केवल सन्देशों पर निर्भर हुए बिना आने वाली पीढ़ी को ठीक रीति से प्रशिक्षित करने की बड़ी आवश्यकता है। पहली बड़ी जागृति (the First Great Awakening) के समय, जोनाथन एड़वर्ड्स ने साक्षी दी कि उसके साथ अतिरिक्त सत्रों में नवयुवकों द्वारा पवित्रशास्त्र की गम्भीर खोज ही एक ऐसी जागृति का कारण था जिसने हज़ारो को प्रभावित किया।

नवयुवकों को कक्षाएँ देना, उनके साथ बाइबल का गहन अध्यन करना और शिक्षण सम्बन्धी वीडियो दिखाना ख्रीष्ट की कलीसिया में बढ़ने वाले मेमनों को अच्छे से पोषित करने के अच्छे उपाय हैं।

यह लेख मूलतः लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़ ब्लॉग में प्रकाशित किया गया।

बैरी जे. यॉर्क
बैरी जे. यॉर्क
ड़ा. बैरी जे. यॉर्क रिफोर्मेशन प्रेस्बिटेरियन थियोलॉजिकल सेमिनरी, पिट्सबर्ग में अध्यक्ष और पास्टोरल थियोलॉजी के शिक्षक हैं। वह हिटिंग द मार्क्स पुस्तक के लेखक हैं।