ऐन्ड्रियास जे. कोस्टेनबर्गर - लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़

लिग्निएर का ब्लॉग

हम डॉ. आर. सी. स्प्रोल का शिक्षण संघ हैं। हम इसलिए अस्तित्व में हैं ताकि हम जितने अधिक लोगों तक सम्भव हो परमेश्वर की पवित्रता को उसकी सम्पूर्णता में घोषित करें, सिखाएं और रक्षा करें। हमारा कार्य, उत्साह, और उद्देश्य है कि हम लोगों को परमेश्वर के ज्ञान और उसकी पवित्रता में बढ़ने में सहायता करें।

 
4 अक्टूबर 2024

राज्य के नागरिकों का चरित्र

मत्ती, अपने बड़े सुसमाचार में, यीशु को अब्राहम और दाऊद के वंशज के रूप में परिचाय कराता है, फिर उसके आश्चर्यक्रम द्वारा कुंवारी में गर्भधारण और उसके जन्म का वर्णन करता है, तथा मिस्र की ओर पलायन और नासरत वापस लौटने का वर्णन करता है। यीशु के सार्वजनिक सेवकाई के आरम्भ में, यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला पुकारता है, “मन फिराओ, क्याोंकि परमेश्वर का राज्य निकट आ गया है” (मत्ती 3:2)।
25 जुलाई 2023

यहूदियों की मसीहाई आशा

मसीहा शब्द इब्रानी/ अरामी के मशियाख शब्द से आता है, जिसका अर्थ है “अभिषिक्त जन।” यूनानी शब्द ख्रिस्टोस इसके समकक्ष है जो ख्रि, अर्थात् “अभिषेक करना” शब्द से आता है। पहली शताब्दी में, “मसीहा” और “ख्रीष्ट” वस्तुतः एक दूसरे के पर्यायवाची शब्द माने जाते थे (यूहन्ना 1:41)।
8 सितम्बर 2022

यूहन्ना में प्रेम

अपने सुसमाचार में, यूहन्ना ने अपने पाठकों को उस “वचन” यीशु ख्रीष्ट के विषय में बताया, जो आदि में परमेश्वर के साथ था और जो देहधारी हुआ था और जिसने हमारे मध्य निवास किया (यूहन्ना 1:1, 14)।
8 मार्च 2022

यीशु की प्रार्थना का सन्दर्भ

यद्यपि यूहन्ना 17 में यीशु की प्रार्थना को पारम्परिक रूप से उसकी महायाजकीय प्रार्थना करार दिया गया है, वहीं अन्य लोगों ने इसे “प्रभु की प्रार्थना” कहा है, क्योंकि यीशु यहाँ सुसमाचारों में अभिलिखित सबसे लम्बी प्रार्थनाओं में से एक में लगा हुआ है।