मुझे अपनी व्याकुलता स्मरण है जब मैंने पहली बार पुत्र की सनातन उत्पत्ति के सिद्धान्त (अर्थात, कि वह सनातन से पिता से उत्पन्न है) का सामना किया। मैं लूइस बर्खोफ की प्रतिष्ठित पुस्तक सिस्टमैटिक थियोलॉजी (विधिवत ईश्वरविज्ञान ) पढ़ने के द्वारा सेमिनरी के लिए तैयारी कर रहा था, और मुझे यह विषय अत्यधिक काल्पनिक लगा।