सत्य

टेबलटॉक का नवम्बर 2020 प्रकाशन अगुवाई पर बाइबलीय शिक्षा पर विचार सत्य की बाइबलीय और ईश्वरविज्ञानीय दृष्टिकोण प्रदान करेगा। हमारे सापेक्षवादी युग में, विश्वव्यापी सत्य की अवधारणा को नियमित रीति से तिरस्कृत किया जाता है। उदाहरण के लिए, लोगों को “मेरा सत्य” या “आपके सत्य” की बात करते हुए सुनना समान्य है। मसीहियों को इस सांस्कृतिक क्षण का सामना करना कठिन लग सकता है, क्योंकि प्रचलित सांस्कृतिक हवाओं के विपरीत, हम वस्तुनिष्ठ, प्रकाशित सत्य पर विश्वास करते हैं जो सभी युगों के सभी लोगों के लिए सच है।

टेबलटॉक का यह प्रकाशन मसीहियों की सहायता करेगा उन्हें सत्य की वास्तविकता का स्मरण दिलाने के द्वारा, सत्य और प्रकाशन के विभिन्न पहलुओं की जाँच करने के द्वारा, और उन्हें प्रोत्साहित करने के द्वारा कि वे अपने मित्रों, परिजनों, और पड़ोसियों को सुसमाचार के सत्य की रक्षा और घोषणा करें।
 

 
5 अक्टूबर 2021

सत्य को परखना

इन दिनों में सत्य को पाना कठिन है। यदि स्थिति नहीं बदलती हैं, तो हमारे पोते-पोतियों के लिए यह और भी कठिन होगा। अब भी, बहुत से लोग यह नहीं जानते हैं कि सत्य को कहाँ खोजा जाए, और आगे बढ़ते हुए, वे यह भी नहीं जानते कि इसे कैसे खोजा जाए, यह विश्वास करते हुए कि यह उनके प्रिय प्रसिद्ध लोगों के ट्वीट्स में, गूगल में खोज करने से या विकिपीडिया के पृष्ठ पर पाया जा सकता है।
7 अक्टूबर 2021

नौवीं आज्ञा और सत्य का परमेश्वर

हाई स्कूल में, मेरे मित्रों के एक समुह ने लुकआउट माउंटेन जॉर्जिया की चोटी पर घूमने जाने का निर्णय लिया। इन मित्रों में, जिनमें लगभग दस थे, लड़कों और लड़कियों का एक मिश्रित समूह था। मैं जानता था कि मेरे माता-पिता इस प्रकार की मिली-जुली संगति में घूमने जाने नहीं देंगे, इसलिए मैंने उन्हें नारी मित्रों की उपस्थिति के विषय में बताने की “उपेक्षा” की।
11 अक्टूबर 2021

यीशु सत्य बताने वाला

लोकप्रिय यीशु दन्तकथाएं हमें भरोसा दिलाती हैं कि उसने कभी किसी का सामना नहीं किया, किसी को असहज अनुभव नहीं कराया, या किसी की जीवन शैली का न्याय नहीं किया।
14 अक्टूबर 2021

सत्य को जानना

हम ज्ञान के खोने और पुन: प्राप्त करने के सम्बन्ध में सृष्टि, पतन, और पुनर्स्थापना के बाइबलीय वर्णन पर टिप्पणी करते हुए “सत्य को जानने” के विषय पर विचार करेंगे, यह ध्यान देते हुए कि रोमियों को लिखी गई अपनी पत्री के आरम्भिक अध्यायों में पौलुस मानव जाति की दुर्दशा के बारे में किस प्रकार लिखता है।