त्रिएकता
दिसम्बर 2019 का टेबलटॉक प्रकाशन तीन व्यक्तियों में एक परमेश्वर के विषय को ध्यान देगा: धन्य त्रिएकता को। ख्रीष्टिय विश्वास एक त्रिएकतावादी विश्वास है जो एक परमेश्वर के अस्तित्व की अभिपुष्टि करता है जो तीन व्यक्ति भी है: पिता, पुत्र, और पवित्र आत्मा। पूरे इतिहास में, प्रभु के विश्वासयोग्य सेवकों ने उस परमेश्वर के विषय में जो पवित्र और धन्य त्रिएकता है, सत्य को परिभाषित करने और उद्घोषित करने के लिए दुख उठाया और मृत्यु का भी सामना किया है; फिर भी, आज बहुधा विश्वासी इस सिद्धान्त की आधारभूत बातों को या बाइबलीय ख्रीष्टियता के लिए इसके महत्व को नहीं समझते हैं।यह प्रकाशन धन्य त्रिएकता पर, और इस बात के पर कि यह सिद्धान्त कलीसिया और उसके लोगों के आत्मिक स्वास्थ्य के लिए क्यों महत्व रखता है, एक परिचय को प्रस्तुत करने के द्वारा इस समस्या का समाधान करने का प्रयास करेगा।
15 जून 2021
यह बढ़ते हुए प्रचलित हो रहा है कि लोग अपने संस्करण के सत्य के सन्दर्भ में बात करते हैं। वे “मेरा सत्य” और “आपका सत्य” जैसे वाक्यांशों को उपयोग करते हैं, मानो कि सत्य के अलग-अलग संस्करण हैं। मैंने लोगों को “मेरे सत्य” की बात करते हुए सुना है विभिन्न विषयों के सन्दर्भ में, जिनमें इतिहास, नैतिकता, विज्ञान, और धर्म सम्मिलित हैं।
16 जून 2021
क्या त्रिएकता का सिद्धान्त बाइबलीय है? यह निर्भर करता है कि जब आप “बाइबलीय” कहते हैं, तो आप का अर्थ क्या है। क्या बाइबल में कहीं भी नीकया के विश्वास वचन के जैसा कुछ है? नहीं।
16 जून 2021
यदि पुराने नियम में इस्राएल की पहचान के लिए एक विश्वास केन्द्रीय था, वह यह है: परमेश्वर एक है (व्यवस्थाविवरण 6:4)। इस्राएल के आसपास के देशों से विपरीत, ऐसे देश जो अनेक ईश्वरों की आराधना करते थे, इस्राएल एक ऐसे लोग के रूप में अलग किया गया था जो केवल एक परमेश्वर की आराधना करते थे। उनको एकेश्वरवादी होना था।
17 जून 2021
मुझे अपनी व्याकुलता स्मरण है जब मैंने पहली बार पुत्र की सनातन उत्पत्ति के सिद्धान्त (अर्थात, कि वह सनातन से पिता से उत्पन्न है) का सामना किया। मैं लूइस बर्खोफ की प्रतिष्ठित पुस्तक सिस्टमैटिक थियोलॉजी (विधिवत ईश्वरविज्ञान ) पढ़ने के द्वारा सेमिनरी के लिए तैयारी कर रहा था, और मुझे यह विषय अत्यधिक काल्पनिक लगा।
18 जून 2021
पवित्र आत्मा अविभाज्य त्रिएकता में तीन हायपोस्टैसिस (व्यक्तियों) में से एक के रूप में उपस्तित्व रखता है। वह सम्पूर्णता से और सुविस्तृत रूप से परमेश्वर है, पिता और पुत्र के साथ एक अस्तित्व में, और सामर्थ्य और महिमा में एक होते हुए। परमेश्वर जो भी करता है, आत्मा करता है, क्योंकि परमेश्वर के सब कार्यों में तीनों व्यक्ति अभिन्न रीति से कार्य करते हैं, चाहे सृष्टि में, दिव्यसंरक्षण में, या उद्धार में।
21 जून 2021
“परमेश्वर प्रेम है” (1 यूहन्ना 4:8)। वे तीन शब्द इससे अधिक उत्साह से भरे नहीं हो सकते हैं। वे सजीव, मोहक लगते हैं, और एक अंगीठी के समान ऊष्मोत्पादग हैं। पर “परमेश्वर त्रिएकता है”? नहीं, वही प्रभाव नहीं है; वह केवल स्नेहहीन और उबाऊ लगता है।