वर्तमान सर्वदा के लिए महत्व रखता है
टेबलटॉक का अगस्त 2021 का अंक ‘वर्तमान सर्वदा के लिए महत्व रखता’ है के विषय के अन्तर्गत मसीही ईश्वरविज्ञान के महत्व और लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़ के प्रभाव को देखेगा। यह चालीस वर्ष से अधिक समय के लिए टेबलटॉक पत्रिका में डॉ. आर. सी. स्प्रोल के मासिक लेख का शीर्षक था। इसमें, डॉ. स्प्रोल पाठकों को स्मरण दिलाते थे कि परमेश्वर और संसार के विषय में उनके विचारों के अनन्तकाल के प्रभाव थे, इस बात पर बल देते हुए कि यदि किसी भी बात का अन्तिम और अनन्त मूल्य नहीं है, तो हम यहाँ और अभी जो कुछ करते हैं उसका कोई अर्थ नहीं है। इस आधारभूत विषय ने लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़ के कार्य को प्रेरित किया है, जो अगस्त 2021 में अपनी पचासवीं वर्षगाँठ को मनाती है। इस वर्षगाँठ के वर्ष यह उचित है कि हम अपने ईश्वरविज्ञान के अनन्त प्रभाव को देखें और लोगों को यह समझने में सहायता करने हेतु लिग्निएर की भूमिका और उद्देश्य का अवलोकन करें कि वर्तमान वास्तव में सर्वदा के लिए महत्व रखता है।टेबलटॉक का यह अंक प्रत्येक मसीही के जीवन में खरे ईश्वरविज्ञान के स्थायी महत्व पर बल देगा और विचार करेगा कि लिग्निएर का ईश्वरविज्ञानीय मिशन कैसे परिवर्तित नहीं हुआ है, परन्तु, प्रभु की इच्छा में होकर, वर्षों तक बना रहेगा।
28 अप्रैल 2022
वर्ष 1971 में, परमेश्वर ने आर.सी. और वेस्टा स्प्रोल का उपयोग लिग्निएर वैली स्टडी सेन्टर की स्थापना करने के लिए
3 मई 2022
हमारे प्रिय संस्थापक डॉ. आर. सी. स्प्रोल के 2017 में निधन के समय से लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़ निरन्तर बढ़ रही है।
5 मई 2022
कई महत्वपूर्ण दृढ़ विश्वास टेबलटॉक पत्रिका को वैसे ही संचालित करते हैं जैसे उन्होंने लिग्निएर की सेवकाई के पूरे इतिहास को संचालित किया। इनमें से एक दृढ़ विश्वास को लगभग पाँच सौ वर्ष पूर्व कोई और नहीं, वरन् मार्टिन लूथर द्वारा व्यक्त किया गया।
10 मई 2022
ईश्वरविज्ञान, वह सत्य जो कि परमेश्वर की ओर से और परमेश्वर के विषय में है, कलीसिया के जीवन के लिए है।
12 मई 2022
प्यूरिटन विलियम पर्किन्स ने प्रसिद्ध रूप से ईश्वरविज्ञान को “सदैव के लिए धन्य जीवन जीने का विज्ञान” के रूप में परिभाषित किया है।
19 मई 2022
पिट्सबर्ग में पॉइंट स्टेट पार्क में ग्रेनाइट स्मारक पर उकेरे हुए शब्द हैं “अन्तर्राष्ट्रीय प्रभाव का स्थान।” इस स्थान ने, जिसका नाम तीन नदियाँ (Three Rivers) है, उपनिवेशी युग में एक निर्णायक भूमिका निभायी। किन्तु 1750 के दशक में, कुछ ही लोगों ने सम्भवतः उस स्थान पर घटित घटनाओं के पूर्ण महत्व का आभास किया था। परन्तु प्रभाव बहुत बड़े थे, और वह शताब्दियों तक बना रहा। अन्तर्राष्ट्रीय प्रभाव का यह स्थान आर. सी. स्प्रोल और वेस्टा (वूर्हिस) स्प्रोल के बचपन के घर से उत्तर-पश्चिम में दस मील की दूरी पर था।