8 मार्च 2022
यद्यपि यूहन्ना 17 में यीशु की प्रार्थना को पारम्परिक रूप से उसकी महायाजकीय प्रार्थना करार दिया गया है, वहीं अन्य लोगों ने इसे “प्रभु की प्रार्थना” कहा है, क्योंकि यीशु यहाँ सुसमाचारों में अभिलिखित सबसे लम्बी प्रार्थनाओं में से एक में लगा हुआ है।