- लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़

लिग्निएर का ब्लॉग

हम डॉ. आर. सी. स्प्रोल का शिक्षण संघ हैं। हम इसलिए अस्तित्व में हैं ताकि हम जितने अधिक लोगों तक सम्भव हो परमेश्वर की पवित्रता को उसकी सम्पूर्णता में घोषित करें, सिखाएं और रक्षा करें। हमारा कार्य, उत्साह, और उद्देश्य है कि हम लोगों को परमेश्वर के ज्ञान और उसकी पवित्रता में बढ़ने में सहायता करें।

 
17 मई 2022

परमेश्वर की महिमा के लिए ईश्वरविज्ञान

ईश्वरविज्ञान के अध्ययन को कभी स्वयं में अन्त नहीं होना चाहिए। ठोस सिद्धान्त का लक्ष्य कभी ऐसे लोगों को उत्पन्न करना नहीं जिनके मस्तिष्क भरे हुए हैं परन्तु ऐसे लोगों को उत्पन्न करना है जिनके हृदय खाली और जीवन बंजर हैं।
12 मई 2022

ईश्वरविज्ञान और प्रतिदिन का जीवन

प्यूरिटन विलियम पर्किन्स ने प्रसिद्ध रूप से ईश्वरविज्ञान को “सदैव के लिए धन्य जीवन जीने का विज्ञान” के रूप में परिभाषित किया है।
10 मई 2022

ईश्वरविज्ञान और कलीसिया

ईश्वरविज्ञान, वह सत्य जो कि परमेश्वर की ओर से और परमेश्वर के विषय में है, कलीसिया के जीवन के लिए है।
5 मई 2022

हमारा ईश्वरविज्ञान क्या है?

कई महत्वपूर्ण दृढ़ विश्वास टेबलटॉक  पत्रिका को वैसे ही संचालित करते हैं जैसे उन्होंने लिग्निएर की सेवकाई के पूरे इतिहास को संचालित किया। इनमें से एक दृढ़ विश्वास को लगभग पाँच सौ वर्ष पूर्व कोई और नहीं, वरन् मार्टिन लूथर द्वारा व्यक्त किया गया।
3 मई 2022

ईश्वरविज्ञान, ईश्वरविज्ञान, ईश्वरविज्ञान: लिग्निएर क्यों?

हमारे प्रिय संस्थापक डॉ. आर. सी. स्प्रोल के 2017 में निधन के समय से लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़ निरन्तर बढ़ रही है।
28 अप्रैल 2022

परमेश्वर को जानने में लोगों की सहायता करना

वर्ष 1971 में, परमेश्वर ने आर.सी. और वेस्टा स्प्रोल का उपयोग लिग्निएर वैली स्टडी सेन्टर की स्थापना करने के लिए
26 अप्रैल 2022

अभिलाषा से निपटना

वे हमारी त्वचा के समान हमारे समीप हैं, प्रेरित यूहन्ना द्वारा वर्णित अभिलाषाओं के तीन रूप: शरीर की अभिलाषा, आँखों की लालसा और जीवन का अहंकार (1 यूहन्ना 2:16)।
21 अप्रैल 2022

गोद लेने के लिए एक इच्छा

पिता के द्वारा आत्मा में पुत्र के माध्यम से प्रेम किए जाने का अर्थ है एक सदा-प्रवाहित अनन्त प्रेम में जकड़ लिया जाना जो कि जिसे प्रेम किया जाता है, उसे प्रायः कष्टदाई परन्तु प्रगतिशील रूप से परिवर्तित करता है।
19 अप्रैल 2022

मसीहियों के साथ मिलन

सुसमाचार में परमेश्वर के अनुग्रह की अधिकाईयों और इसके सभी निहितार्थों को समझने के लिए ख्रीष्ट के साथ मिलन का सिद्धान्त केन्द्रीय है।