- लिग्निएर मिनिस्ट्रीज़

लिग्निएर का ब्लॉग

हम डॉ. आर. सी. स्प्रोल का शिक्षण संघ हैं। हम इसलिए अस्तित्व में हैं ताकि हम जितने अधिक लोगों तक सम्भव हो परमेश्वर की पवित्रता को उसकी सम्पूर्णता में घोषित करें, सिखाएं और रक्षा करें। हमारा कार्य, उत्साह, और उद्देश्य है कि हम लोगों को परमेश्वर के ज्ञान और उसकी पवित्रता में बढ़ने में सहायता करें।

 
14 सितम्बर 2023

कौन आपका अनुकरण करता है?

क्या लोग आपके पीछे चलते हैं (क्या आपको फॉलो करने वाले लोग हैं?) एक दशक पहले सम्भवतः हम इस प्रश्न को नहीं पूछते, परन्तु सोशल मीडिया के आगमन के साथ, “फॉलो” करना हमारी भाषा का एक भाग बन गया है।
12 सितम्बर 2023

हमारा सर्व-आधिकारिक सिर

“कलीसिया का सिर” की उपाधि का उपयोग ख्रीष्ट को किसी व्यवसाय या संगठन के प्रमुख के रूप में प्रस्तुत करने के लिए नहीं किया जाता है।
7 सितम्बर 2023

मसीही नृविज्ञान और नैतिक जीवन

मसीही लेखकगण कभी-कभी इस बात पर ध्यान देते हैं कि सिद्धान्त और नीतिशास्त्र एक साथ चलते हैं।
5 सितम्बर 2023

मनुष्य वाचा तोड़ने वाला और पुनःस्थापित स्वरूप-धारक है

पवित्रशास्त्र यह नहीं कहता है कि मनुष्य का कुछ भाग परमेश्वर के स्वरूप में सृजा गया है, वरन् यह कि पुरुष और स्त्री परमेश्वर के स्वरूप में सृजे गए हैं।
31 अगस्त 2023

परमेश्वर के साथ मनुष्य का वाचाई सम्बन्ध

जिस दिन से परमेश्वर ने आदम और हव्वा की सृष्टि की, वे उसके साथ वाचाई सम्बन्ध (covenant relationship) में थे।
29 अगस्त 2023

शरीर और प्राण के सम्मिश्रण के रूप में मनुष्य

कुछ अपवादों को छोड़कर, मसीही कलीसिया ने पुष्टि की है कि मानव स्वभाव शरीर और प्राण का संयोजन है।
24 अगस्त 2023

परमेश्वर के स्वरूप में मनुष्य

परमेश्वर की सृष्टि का सबसे उत्तम भाग अधिक समय के लिए गुप्त नहीं रखा गया है। आखिरकार, वह बाइबल के प्रथम अध्याय में पाया जाता है।
22 अगस्त 2023

सिमुल इयुस्टिस एक पेक्केटोर [अर्थात् एक ही समय में धर्मी और पापी]

एक पत्रकार की कहानी सुनाई जाती है जिसने कई लेखकों और विचारकों से यह पूछने के लिए लिखा: “संसार की समस्या क्या है?” ऐसा कहा जाता है कि जी. के. चेस्टरसन ने उत्तर दिया, “मैं हूँ।”
17 अगस्त 2023

वीया, वेरिटास, वीटा

यूहन्ना के सुसमाचार का सबसे अधिक सुना जाने वाला पद क्या है? सम्भवतः यूहन्ना 3:16 तुरन्त ध्यान में आता है: “क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम किया कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया . . .।”