11 सितम्बर 2025
वर्षों पहले, जवानों का एक समूह हमारी कलीसिया में आया, जो उत्साह और ऊर्जा से भरा हुआ था। उस समय हमारे पास कोई औपचारिक सेवकाईयाँ नहीं थी इसलिए वे अनिश्चित थे कि वे कैसे हमारी कलीसिया में सेवा करे। हमारे पास्टर ने कलीसियाई आराधना से पहले इस बात पर कहा: “यदि कोई सेवा करना चाहता है, तो उसे कोई औपचारिक समूह या पदवी की आवश्यकता नहीं है।








